मंदिर से दौडी चली आऊंगी कोई दिल से पुकारे,
मंदिर से दौडी चली आऊंगी कोई दिल से पुकारे .......
पहला संदेसा मेरे विष्णु जी का आया ,
विष्णु जी का आया चक्रधारी जी का आया ,
लक्ष्मी का रूप घर आऊंगी ..........कोई दिल से पुकारे
दूसरा संदेसा मेरे भोले जी का आया ,
भोले जी का आया डमरू वाले का आया ,
गौरा का रूप धर आऊंगी ..........कोई दिल से पुकारे
तिसरा संदेसा मेरे राम जी का आया ,
राम जी का आया धनुषधारी का आया ,
सीता का रूप घर ऑऊंगी ..........कोई दिल से पुकारे
चौथा संदेसा मेरे कान्हाजी का आया ,
कान्हाजी का आया मेरे मुरलीधर का आया,
राधा का रूप घर आऊँगी कोई..........कोई दिल से पुकारे
पांचवा संदेशा मेरे भक्तो का आया ,
भक्तो का आया मेरे संतो का आया ,
कन्या का रूप घर आऊंगी ..........कोई दिल से पुकारे
@BhajanSangeet