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हरी धरै मुकुट खेले होरी Hari Dhare Mukut Khele Holi (Kumaoni Holi Lyrics)

Category:Kumaoni Holi

हरि धरै मुकुट खेले होरी, हरी धरै मुकुट खेले होरी,

हरी धरै मुकुट खेले होरी, हरी धरै मुकुट खेले होरी ||

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कहाँ से आये कुँवर कन्हैया, कहाँ से आये कुँवर कन्हैया.....

कहाँ से राधा गोरी , हरी धरै मुकुट खेले होरी

मथुरा से आयो कुँवर कन्हैया, मथुरा से आयो कुँवर कन्हैया......

गोकुल से राधा गोरी , हरी धरै मुकुट खेले होरी ||

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कितने बरस को कुँवर कन्हैया, कितने बरस को कुँवर कन्हैया......

कितने बरस की राधा गोरी, हरी धरै मुकुट खेले होरी ||

सात बरस को कुँवर कन्हैया, सात बरस को कुँवर कन्हैया..........

बारह बरस राधा गोरी, हरि धरै मुकुट खेले होरी ||

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काहे के दो खम्भ बने है, काहे के दो खम्भ बने है...........

काहे की लागी डोरी, हरि धरै मुकुट खेले होरी ||

काहे के दो खम्भ बने है, काहे के दो खम्भ बने है.............

रेशम की लागी डोरी, हरि धरै मुकुट खेले होरी ||

एक पर झूले कुँवर कन्हैया, एक पर झूले कुँवर कन्हैया........

दूजे पर राधा गोरी, हरि धरै मुकुट खेले होरी ||

@BhajanSangeet Holi Ke Gane

टूट गयो खम्भ लटक गई डोरी, टूट गयो खम्भ लटक गई डोरी.........

लपट झपट राधा गोरी, हरि धरै मुकुट खेले होरी ||

हरि धरै मुकुट खेले होरी, हरि धरै मुकुट खेले होरी,

हरि धरै मुकुट खेले होरी, हरि धरै मुकुट खेले होरी ||

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